प्रतिरोधक विलयन (Buffer Solutions)

Binod Sahu
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 लीटर जल में एक बूँद 0-1N HCI या 0-1 N NaOH विलयन मिलाने पर क्रमश हाइड्रोजन आयन सान्द्रण या हाइड्रॉक्सिल आयन सान्द्रण बहुत अधिक बढ़ जाता है। परन्तु जब एक बूँद HCI, दुर्बल अम्ल तथा उसके लवण के मिश्रित विलयन में डाला जाता है तो हाइड्रोजन आयन सान्द्रण पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार जब एक बूँद NaOH, दुर्बल क्षार तथा उसके लवण के मिश्रित विलयन में डाला जाता है तो हाइड्रॉक्सिल आयन सान्द्रण पर बहुत कम प्रभाव पड़ता है। ऐसे मिश्रित विलयन प्रतिरोधक विलयन (buffer solutions) कहलाते हैं। अतः "ऐसे विलयन, जिनकी अम्लता या क्षारकता आरक्षित होती है उन्हें प्रतिरोधक विलयन (buffer solutions) कहते हैं।"


3.13


ज्ञात


इन विलयनों का pH मूल्य स्थिर रहता है अर्थात् इनका pH मूल्य रखने पर या तनुता बढ़ाने पर या प्रबल अम्ल या प्रबल क्षार मिलाने पर परिवर्तित नहीं होता प्रतिरोधक विलयन दो प्रकार के होते हैं


(i) अम्लीय प्रतिरोधक विलयन (Acidic Buffer Solution) - ऐसा प्रतिरोधक:


विलयन जो दुर्बल अम्ल तथा इसके प्रबल क्षार के साथ लवण के मिश्रित विलयन में बनता है। उदाहरणार्थ ऐसीटिक अम्ल तथा सोडियम ऐसीटेट, बोरिक अम्ल तथा बोरेक्स, सिट्रिक - अम्ल तथा सोडियम सिट्रेट आदि । (ii) बेसिक प्रतिरोधक विलयन (Basic Buffer Solution) - ऐसा प्रतिरोधक विलयन दुर्बल क्षार तथा इसके प्रबल अम्ल के साथ लवण के मिश्रित विलयन में बनता है। उदाहरणार्थ


- अमोनियम हाइड्रॉक्साइड तथा अमोनियम क्लोराइड का मिश्रित विलयन बेसिक प्रतिरोधक


विलयन बनाता है। ऐसीटिक अम्ल तथा सोडियम ऐसीटेट के अम्लीय प्रतिरोधक विलयन में बहुत कम. हाइड्रोजन आयन होते हैं। सोडियम ऐसीटेट के आयनन से उत्पन्न समान ऐसीटेट आयन दुर्बत ऐसीटिक अम्ल के आयनन को दबा देते हैं और कम हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होने देते हैं।


CH COOR CHICOO + H*


CH3COONa CH,COO+Nat


इस विलयन में एक बूँद HCI मिलाने पर जो हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं है ऐसीटेट आयन से संयुक्त होकर कम आयनित ऐसीटिक अम्ल बनाते हैं। अतः HCI के समान प्रबल विद्युत अपघट्य मिलाने पर भी विलयन के हाइड्रोजन आयन सान्द्रण पर अधिक प्रभाव


नहीं पड़ता ।


CH COONCH COO + Nat


HCL H* +Cr

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