इस पहल में दिलचस्पी दिखाई है और जल्द ही वहां पर भी RBI अपने वोस्त्रो अकाउंट्स खोल सकता है.
इंटरनेशनल करेंसी बनाने की कोशिश
वित्त मंत्रालय ने इंडियन बैंक असोसिएशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन से आग्रह किया है कि वे संबंधित पक्षों से मिलकर भारतीय रुपये में व्यापार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करें. जिससे भारतीय रुपये (Indian Rupee) की दुनिया में इंटरनेशनल करेंसी (International Currency) के रूप में मान्यता बढ़े और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इसके एक्सचेंज रेट्स में भी सुधार हो.
अभी तक यूएस डॉलर का रहा है राज
बताते चलें कि फिलहाल दुनिया की एकमात्र बड़ी इंटरनेशनल करेंसी अमेरिकी डॉलर (US Dollars) है. दुनिया के सभी देश इसी करेंसी के जरिए एक-दूसरे से व्यापार करते हैं. अमेरिका अपनी करेंसी के जरिए दुनिया के व्यापार पर असरदार कंट्रोल रखता है. उस जिस देश को दबाना होता है, यूएस बैंक उस देश को अमेरिकी डॉलर की सप्लाई घटा देते हैं, जिससे वह बाकी दुनिया के साथ कारोबार करने में अक्षम हो जाता है.
उसकी इस बादशाहत को तोड़ने के लिए रूस, चीन जैसे देश लंबे समय से कोशिश करते रहे हैं लेकिन अब तक कामयाब नहीं हो पाए हैं. अब पीएम मोदी की लीडरशिप में भारत ने इस बारे में जोरदार पहल शुरू की है, जिसके सकारात्मक नतीजे भी दिखने लगे हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में अमेरिकी डॉलर के साथ ही इंडियन रुपी भी दुनिया की प्रमुख इंटरनेशल करेंसी (International Currency) बन जाए तो हैरानी की खास बात नहीं होगी.