अगर मुझे 2025 में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में प्लेसमेंट चाहिए होता, तो मैं यह करता

Binod Sahu
By -
0
# If I Wanted a Software Engineering Placement in 2025, I’d Do This    ### Chapter



लेख में 2025 में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग प्लेसमेंट के लिए तैयारी की रणनीतियों पर चर्चा की गई है। लेखक ने बताया कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए स्किल्स विकसित करने के लिए मुख्य रूप से डेटा स्ट्रक्चर्स और एल्गोरिद्म में महारत हासिल करना जरूरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि 4 से 4.5 महीने की नियमित और निरंतर तैयारी, बिना ब्रेक के, की जानी चाहिए। कॉलेजों में पढ़ाई जा रही सामग्री आमतौर पर इंटर्नशिप के लिए पर्याप्त नहीं होती, इसलिए छात्रों को अतिरिक्त प्रयास करना होगा।


लेखक ने साझा किया कि डीएसए की तैयारी के लिए प्रश्नों को टॉपिक के अनुसार सुलझाना बेहतर होगा। जैसे, पहले सरल प्रश्नों का समाधान करें, उसके बाद मध्यम और कठिन प्रश्नों पर जाएं। इसके अलावा, लेखक ने यह भी उल्लेख किया कि प्रोजेक्ट्स बनाने के दौरान वास्तविक दुनिया के कौशल विकसित होते हैं, जिससे उन्हें अपने आइडियाज को क्रियान्वित करने का अवसर मिलता है। ऐसे में उनकी परियोजनाएं न केवल सैद्धांतिक ज्ञान पर आधारित होंगी, बल्कि उन्हें व्यावहारिक दृष्टिकोण भी प्रदान करेंगी। इस तरह, छात्रों को अपने कौशल को सुधारने और साक्षात्कारों में सफल होने का मौका मिलेगा।


Chapter


लेख में टेक्नोलॉजी के प्रति बढ़ते इंटरेस्ट की चर्चा की गई है, जहां छात्र अपने विचारों को कोड के माध्यम से वास्तविकता में देखने की क्षमता रखते हैं। प्रोजेक्ट्स बनाने से न केवल कौशल में सुधार होता है, बल्कि रिज्यूमे पर भी एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई कंपनियों के इंटरव्यू प्रोजेक्ट्स के इर्द-गिर्द घूमते हैं, इसलिए खुद के बनाए गए प्रोजेक्ट्स गहरा प्रभाव डालते हैं, विशेषकर उन छात्रों के लिए जिनके पास इंटर्नशिप का अनुभव नहीं है। 


डेवलपमेंट के क्षेत्र में, छात्रों को वेब डेवलपमेंट और ऐप डेवलपमेंट की ओर ध्यान देना चाहिए। प्रमुख कंपनियों के लिए रिज्यूमे में मजबूत डेवलपमेंट अनुभव होना जरूरी है। मर्न और मीने स्टैक वर्तमान में लोकप्रिय विकल्प हैं, जबकि पाइथन भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। फ्रंट एंड और बैक एंड को समझना आवश्यक है, इसके साथ ही डेटा बेस जैसे SQL और MongoDB का ज्ञान लेना महत्वपूर्ण है। 


हालांकि, कुछ सामान्य गलतियों से बचना चाहिए, जैसे कमजोर प्रोजेक्ट्स को रिज्यूमे में शामिल करना, जैसे कि साधारण टूल्स का निर्माण करना। बड़े, जटिल प्रोजेक्ट्स महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे वास्तव में छात्र की क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं। कम से कम दो से तीन फुल-स्टैक प्रोजेक्ट्स बनाना चाहिए। 


डेवलपमेंट सीखने के दौरान, छात्रों को डेटा स्ट्रक्चर और एल्गोरिदम (डीएसए) के अभ्यास को जारी रखना चाहिए। इसे रोजाना कुछ घंटे देने की आवश्यकता है, क्योंकि नियमित अभ्यास से ज्ञान बनाए रखना संभव है। डीएसए के लिए लीडकोड, कोडफोर्स, और कोडशेफ़ जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग करना उचित है। 


थ्योरी कॉन्सेप्ट्स की बात करें तो छात्रों को कंप्यूटर फंडामेंटल्स, ऑब्जेक्ट-ऑरिएंटेड प्रोग्रामिंग, डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली, और ऑपरेटिंग सिस्टम्स का ज्ञान होना चाहिए। इन थियोरी विषयों की समझ से विद्यार्थियों की तकनीकी बुनियाद मजबूत होती है, जो उन्हें सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफल होने में मदद करेगी।


Chapter


कंप्यूटर साइंस के फंडामेंटल्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (DBMS) और नेटवर्किंग की समझ जरूरी है, चाहे आप टेक बैकग्राउंड से हों या नॉन-टेक। इन विषयों का ज्ञान आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में आगे बढ़ने में मदद करेगा। इसके साथ ही क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड और रीजनिंग की तैयारी को भी गंभीरता से लेना आवश्यक है, क्योंकि ये सवाल अधिकतर सर्विस बेस्ड और फिनटेक कंपनियों के इंटरव्यू में पूछे जाते हैं। तैयारी के लिए एक महीने पहले से क्वांट एप्टीट्यूड का अध्ययन शुरू करना फायदेमंद रहेगा, जिससे आप अपनी रैशनल थिंकिंग को सुधार सकें। 


इसके अतिरिक्त, एक प्रभावी रिज्यूमे तैयार करना महत्वपूर्ण है। रिज्यूमे को डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, तकनीकी कौशल और थ्योरी में मजबूत ज्ञान के साथ भरना चाहिए। प्रारंभिक स्तर से ही रिज्यूमे बनाना शुरू करें, भले ही उसमें अभी बहुत अधिक जानकारी न हो। जैसा-जैसा आपका कौशल बढ़ेगा, आप अपने रिज्यूमे को अपडेट कर सकते हैं। 


रिज्यूमे में एटीएस (एप्लीकेशन ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर) के अनुकूल फॉर्मेट का होना जरूरी है ताकि कंपनियां इसे आसानी से स्वीकार कर सकें। साथ ही, रिज्यूमे को बिना किसी गलती के प्रमाणित करना चाहिए; एक छोटा सा टाइपो भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। रिज्यूमे के संरचना में सबसे प्रभावित करने वाली जानकारियों को शीर्ष पर रखना चाहिए, ताकि रिक्रूटर का ध्यान आकर्षित किया जा सके। 


टेक नॉन-टेक गतिविधियों का अनुभव रिज्यूमे में उतना महत्वपूर्ण नहीं है, इसलिए उन्हें शामिल करने से बचें। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाले छात्रों को तकनीकी इंटर्नशिप्स, प्रोजेक्ट्स और कौशल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि वे अपनी प्रोफाइल को मजबूत बना सकें और भर्ती प्रक्रिया में सफल हो सकें।


 Chapter


करिकुलर एक्टिविटीज में तभी भाग लें जब उसमें वास्तविक रुचि हो; अन्यथा, अपने समय का बेहतर उपयोग टेक प्रोजेक्ट्स बनाने में करें। इस प्रकार, कुल मिलाकर, महत्वपूर्ण तत्वों में डेटा स्ट्रक्चर्स और एल्गोरिदम, डेवलपमेंट, थ्योरी के कॉन्सेप्ट्स, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड और रिज्यूमे शामिल हैं। लेकिन इसके अलावा एक महत्वपूर्ण पहलू, जो अक्सर अनदेखा किया जाता है, वह है संचार कौशल। संचार कौशल को कम करके आंकना गलत है, क्योंकि तकनीकी क्षमताओं के साथ-साथ यह आवश्यक है कि आप अपनी बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त कर सकें। अच्छा संचार आपको नियुक्ति के समय मौके से वंचित नहीं करेगा, विशेष रूप से जब अधिकांश साक्षात्कार अंग्रेजी में होते हैं। 


इसलिए, जब तकनीकी कौशल को मजबूत करना प्राथमिकता है, तो संचार कौशल को भी सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। संचार कौशल में सुधार करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अंग्रेजी में बात करना शुरू करें। यह प्रक्रिया तुरंत नहीं होगी और इसके लिए महीनों की तैयारी की आवश्यकता होगी, इसलिए आज से ही शुरुआत करें। यदि आप इसे निरंतर करते हैं तो कुछ महीनों में आपके आत्मविश्वास में स्पष्ट बदलाव आ जाएगा। 


अब छह प्रमुख घटकों की चर्चा की गई है, जो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग प्लेसमेंट्स के लिए तैयारी में सहायक होंगी। ये सभी चीजें आपको 70 से 80 प्रतिशत कंपनियों की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगी। यदि आप शीर्ष कंपनियों को लक्ष्य बनाना चाहते हैं, तो आपकी प्रोफाइल को standout बनाना आवश्यक होगा, जिससे आपके तकनीकी कौशल को और बेहतर बनाने में समय लगाना पड़ेगा। 


प्रोफाइल को standout करने का मतलब है कि अपने शौक के अनुसार किसी विशेष क्षेत्र का चयन करें। प्रतियोगी प्रोग्रामिंग में जाकर अच्छा प्रदर्शन करने से विभिन्न कंपनियों का ध्यान आकर्षित किया जा सकता है। अगर आपका विकास में रुचि है, तो हैकाथॉन में भाग लेना अच्छा हो सकता है, जिसमें आपने विभिन्न उत्पाद बनाए हैं। ओपन सोर्स में योगदान देना भी एक बढ़िया विकल्प है, जो अपकमिंग कंपनियों के लिए आकर्षक हो सकता है। अंततः, चौथे वर्ष में इंटर्नशिप का प्रयास करना जरूरी है, क्योंकि कई संगठनों में इंटर्नशिप के अवसर होते हैं। इस प्रकार, विभिन्न मार्गों से आप अपनी क्षमता को साबित कर सकते हैं।


 Chapter


यदि आपकी रुचि क्लाउड कंप्यूटिंग या आईओटी में है, तो आप उन विशेष क्षेत्रों में और अधिक विशेषज्ञता हासिल करने की कोशिश कर सकते हैं, जिससे आपकी प्रोफ़ाइल में मजबूती आएगी। अंतिम रूप से, एक महत्वपूर्ण सुझाव है कि जब आप कोई नई जानकारी हासिल करते हैं, तो उसे आज से ही लागू करने की कोशिश करें। यह बेहतर है कि आप एक अच्छी किताब उठाएं और उसे पढ़ें, बजाय इसके कि दस किताबें खरीदकर भूल जाएं। एक्शन लेना सबसे आवश्यक तत्व है, जो विजेताओं को दूसरों से अलग करता है।


अगर आपने आज से कोडिंग शुरू की, तो आप बेहतर स्थिति में रहेंगे। लेकिन अगर आप शुरुआत नहीं करते हैं, तो छह महीनों में आप महसूस करेंगे कि आपकी तैयारी कम है और आपके बैचमेट्स ने पहले ही कई स्किल्स हासिल कर लिए हैं। सफलता का अंतर एक से डेढ़ साल की मेहनत में होता है। यदि आप कंसिस्टेंसी और डेडिकेशन के साथ तैयारी करते हैं, तो आपको अपने सपनों की कंपनी को हासिल करने में कोई बाधा नहीं आएगी। 


अब आपको यह तय करना है कि आप किस प्रकार की कंपनी में काम करना चाहते हैं और उस दिशा में तैयारी शुरू कर दें। कार्रवाई करना आवश्यक है क्योंकि समय आपके लिए सबसे बड़ा संपत्ति है, जिसे आप बर्बाद नहीं कर सकते। इस दिशा में कदम उठाना और लक्ष्य की स्पष्टता बनाए रखना आपके लिए फायदेमंद होगा। 

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)